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—सूबे के दो जिले में दी जा रही है सेवा पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत
—शेखपुरा एवं मुंगेर में 1200 योग्य लाभार्थी ने लगाया एमपीए सबकुटेनियस
शेखपुरा -
परिवार नियोजन एक ऐसा मुद्दा है, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग हमेशा से सजग होकर समुदाय के लोगों के लिए हमेशा से कुछ नया करती आ रही है। इसी क्रम में परिवार नियोजन के लिए नया अस्थायी साधन एमपीए सबकुटेनियस सूबे के दो जिला शेखपुरा एवं मुंगेर में पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत दी जा रही है। परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में शामिल कंडोम, अंतरा और कॉपर-टी के बाद एमपीए सबकुटेनियस की सुविधा की शुरुआत की गई है। जो अस्थायी साधनों में शामिल अन्य सुविधाओं से काफी सरल, सुरक्षित, बेहतर और कारगर है।
रेफरल अस्पताल बरबीघा में तीसरा डोज लेने के बाद 22 वर्षीया रूपा कुमारी बताती हैं कि परिवार नियोजन के अस्थायी साधन के बारे में मैं अपनी मां से सुनती आ रही थी कि किस तरह से अंतरा की सुई लेने के बाद दर्द की अनुभूति होती थी। उस समय सोचना पड़ता था की आगे ये सूई ले अथवा नहीं लें। पर मैं आज एमपीए सबकुटेनियस का तीसरा डोज ले चुकी हूँ और मुझे किसी भी प्रकार की कोई तकलीफ महसूस नहीं हुई। बल्कि मैं तो ये कहना चाहूंगी की विभाग को इसे सभी जिले में शुरू कर देना चाहिए। ताकि मेरी तरह हर महिला इस साधन को अपना कर जनसंख्या स्थिरीकरण के तरफ अपना पहल कदम मजबूती से बढ़ा सके।
सूबे के दोनो जिले में 1200 से अधिक लाभार्थियों ने अपनाया है एमपीए सबकुटेनियस
पीएसआई इंडिया के जिला प्रबंधक मनीष भारद्वाज ने बताया कि शेखपुरा में एमपीए सबकुटेनियस का पहला डोज 576, दूसरा डोज 213 एवं तीसरे डोज के रूप में 06 योग्य महिलाओं ने अपनाया है वही मुंगेर में पहला डोज 335, दूसरा डोज 77 महिलाओं ने लिया है यानि दोनों जिलों में कुल 1207 लाभार्थियों ने अबतक एमपीए सबकुटेनियस को अपनाया है। ये साधन परिवार नियोजन के अन्य अस्थायी साधन से काफी आसान एवं सरल होता है।
एमपीए सबकुटेनियस का कोई साइड इफेक्ट नहीं :
सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ अशोक कुमार सिंह कहते हैं एमपीए सबकुटेनियस जो अंतरा का नया रूप एवं सरल साधन है उसका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। अंतरा इंजेक्शन महिला की मांसपेशी में दी जाती है पर इसको मसल और स्किन के बीच में देना होता है इस साधन में दवाई पहले से ही लोडेड होता है। ये साधन देने और लाने ले जाने में भी आसान है। इसको कोई भी महिला जो बच्चों में अंतर रखना चाहती वो इसे अपना सकती है।
रिपोर्टर
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Aishwarya Sinha