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- संस्थागत प्रसव से शिशु और मातृ मृत्यु दर में आती है कमी
- सदर अस्पताल सहित जिला के सभी अस्पताल और सामुदायिक/ प्राथमिक स्वास्थ्य
केंद्र पर उपलब्ध है संस्थागत प्रसव कि सुविधा
- विशेषज्ञ चिकित्सक और प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों कि मदद से प्रसव संबंधी
जटिलताओं को किया जाता है दूर
मुंगेर, 14 मई 2024 : जच्चा और बच्चा की सुरक्षा के लिए संस्थागत प्रसव आवश्यक है। उक्त बातें जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) डॉक्टर आनंद शंकर शरण सिंह ने कही। उन्होंने बताया कि गृह प्रसव बहुत ही असुरक्षित है। घर पर प्रसव के दौरान किसी भी तरह कि जटिलता या असावधानी होने पर गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु दोनों के जान का जोखिम रहता है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग लगातार संस्थागत प्रसव के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करती है। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा चलाया जा रहा है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना बहुत ही प्रभावी साबित हो रहा है। संस्थागत प्रसव करवाने पर लाभुकों को सरकार के द्वारा निर्धारित प्रोत्साहन राशि का भी भुगतान किए जाने का प्रावधान है।
सदर अस्पताल मुंगेर के अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर रमन कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा गर्भधारण कि पहली तिमाही में ही गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करने को लेकर जरूरी पहल की जाती है। उन्होंने बताया कि महिलाओं के द्वारा गर्भधारण करने के तत्काल बाद इसकी सूचना संबंधित क्षेत्र में काम करने वाली आशा कार्यकर्ता या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को उपलब्ध करवाना आवश्यक है। इन लोगों के माध्यम से ही गर्भवती महिलाओं को सही आहार से लेकर यूरिन, ब्लड प्रेशर, वजन, एचआईवी और गर्भस्थ शिशु कि स्थिति के बारे में सभी आवश्यक जानकारी प्रसव पूर्व जांच (एएनसी ) के माध्यम से सही जानकारी प्राप्त होती है। इस दौरान सभी आवश्यक दवाइयां और डॉक्टरी सलाह गर्भवती महिलाओं को सभी सरकारी अस्पतालों और विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर निः शुल्क प्राप्त होती है। जिला के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर एएनसी जांच के दौरान गर्भवती महिलाओं को उपलब्ध कराई गई निः शुल्क डॉक्टरी सलाह प्रसव संबंधी जटिलताओं को कम करने के लिहाज से अति महत्वपूर्ण है जो गृह प्रसव के दौरान संभव नहीं हो पाता है।
सदर अस्पताल मुंगेर के अस्पताल प्रबंधक मो. तोसिफ हसनैन ने बताया कि संस्थागत प्रसव से शिशु और मातृ मृत्यु दर में काफी कमी आती है। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल मुंगेर, अनुमंडल अस्पताल तारापुर और जिला भर के सभी सामुदायिक/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर संस्थागत प्रसव कि सुविधा उपलब्ध है। यहां प्रसव के लिए गर्भवती महिला का अस्पताल लाने और प्रसव उपरांत उन्हें वापस घर छोड़ने के लिए निः शुल्क एंबुलेंस कि सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव कराने पर सरकार के द्वारा जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र कि लाभुकों को 1400 रुपए और शहरी क्षेत्र के लाभुकों को 1000 रुपए कि प्रोत्साहन राशि का भी भुगतान किया जाता है। इसके अलावा प्रसव के तुरंत बाद परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाने पर लाभुकों को 3000 रुपए कि राशि का भुगतान करने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि संस्थागत प्रसव के बाद कमजोर रूप से जन्म लेने वाले नवजात शिशु के बेहतर इलाज और देखभाल के लिए सदर अस्पताल में कंगारू मदर केयर (केएमसी ), सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू ) और पेडियाट्रिक इनसेटिव केयर यूनिट (पीकू) के साथ- साथ नवजात शिशु को विभिन्न प्रकार कि बीमारियों से बचाव के लिए नवजात शिशु के जन्म के तुरंत बाद से ही वैक्सीन की पूरी डोज कि सुविधा उपलब्ध है।
विशेषज्ञ चिकित्सक और प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों कि मदद से प्रसव संबंधी जटिलताओं को किया जाता है दूर : स्वास्थ्य विभाग कि सहयोगी संस्था पिरामल स्वास्थ्य से जुड़ी डॉक्टर नीलू ने बताया कि संस्थागत प्रसव में विशेषज्ञ चिकित्सक और प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों कि देखरेख में प्रसव के दौरान आने वाली जटिलताओं को आसानी से समाधान किया जा सकता है। संस्थागत प्रसव के दौरान जरूरी जांच, खून कि उपलब्धता, जरूरत पड़ने पर बीमार बच्चों का तत्काल इलाज सहित अन्य सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो जाती है। इस दौरान आधुनिक यंत्र एवं तकनीक कि मदद से किसी तरह कि जटिलताओं का पता समय पर लगाने में मदद मिलती है। इसके साथ ही साथ संस्थागत प्रसव के बाद विशेषज्ञ चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा नवजात को पहले छह महीने तक केवल स्तनपान, स्तनपान कि सही विधि, माताओं के लिए आहार संबंधी जरूरतें, बच्चों को गर्म रखने और साफ - सफाई का ध्यान रखने संबंधी जरूरी सलाह दी जाती है, जो जच्चा और बच्चा के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक है।
आम लोगों को संस्थागत प्रसव के फायदे के बारे में बताते हुए अस्पताल तक लाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता सीता देवी ने बताया कि घर पर प्रसव होने से मां और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के जान को बहुत ही खतरा रहता है मैं इसलिए अपने क्षेत्र कि गर्भवती महिलाओं और उसके परिवार वालों को उनके घर जाकर सरकारी अस्पताल में ही जाकर प्रसव करवाने के प्रेरित कर रही हूं। मैं उनको सरकारी अस्पताल में प्रसव करवाने पर सरकार के द्वारा दिए जाने वाले प्रोत्साहन राशि के बारे में जानकारी देती हूं ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोग गृह प्रसव न करवा कर अस्पताल में प्रसव करवाएं ताकि बच्चा और उसकी मां दोनों कि जिंदगी सलामत रह सके।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar