- पोषण एवं पुनर्वास केंद्र में अभी भर्ती हैं जुड़वां बच्चों सहित कुल 13 अति कुपोषित बच्चे
- 14 से 21 दिनों तक कुपोषित बच्चे को एक अभिभावक के साथ रख की जाती स्वास्थ्य और पोषण की सही देखभाल
मुंगेर, 06 सितंबर।
सदर अस्पताल परिसर स्थित पोषण एवं पुनर्वास केंद्र, जिला भर के सभी अति कुपोषित बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए एक मात्र उम्मीद की किरण है। जहां कुपोषित बच्चों को उनके एक अभिभावक के साथ 14 से 21 दिनों तक रख उनके पोषण और स्वास्थ्य की नियमित देखभाल की जाती है। यहां कुपोषित बच्चों व उनके अभिभावक को नियमित रूप से गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के साथ ही कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य की विशेषज्ञ चिकित्सक और फीडिंग डिमोंस्ट्रेटर के द्वारा नियमित चेकअप करायी जाती है । साथ ही आवश्यक दवाई सहित अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती है। 14 से 21 दिनों तक नियमित स्वास्थ्य जांच और पौष्टिक आहार देने के बाद बच्चे के वजन सहित उनके स्वास्थ्य की पूरी जांच की जाती है। इस जांच में आशा के अनुरूप सुधार होने के बाद ही बच्चे को एनआरसी से उनके घर भेजा जाता है । इसके पूर्व उनके अभिभावक को घर पर बच्चे का उसी तरह से पौष्टिक आहार देने के लिए प्रेरित किया जाता है ताकि कुपोषित बच्चों का घर पर भी उसी तरीके से देखभाल हो सके और पुनः वो कुपोषण का शिकार नहीं हो। इसके बाद भी स्थानीय आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा एनआरसी से डिस्चार्ज किए गए बच्चे की नियमित निगरानी की जाती और इस दौरान किसी भी तरह की परेशानी होने पर कुपोषित बच्चे को पुनः एनआरसी में भर्ती कराया जाता है।
एनआरसी मुंगेर में अभी भर्ती हैं 13 अति कुपोषित बच्चे:
एनआरसी मुंगेर के नोडल अधिकारी और जिला योजना समन्वयक (डीपीसी ) विकास कुमार ने बताया कि एनआरसी मुंगेर में अभी कुल 13 अति कुपोषित बच्चे इलाजरत हैं। इनके पोषण का पूरा पूरा ध्यान रखते हुए पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के साथ ही स्वास्थ्य की जांच की जाती है । बेहतर इलाज के लिए नियमित रूप से विशेषज्ञ चिकित्सक के द्वारा जांच के साथ दवाई व अन्य आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने बताया कि एनआरसी में अपने अति कुपोषित बच्चे के साथ रहने वाली उनकी मां सहित अन्य अभिभावक के लिए सरकार के द्वारा क्षतिपूर्ति राशि के रूप में 100 रुपए प्रति दिन प्रति अभिभावक भी दी जाती है।
पोषण एवं पुनर्वास केंद्र मुंगेर की फीडिंग डिमोंस्ट्रेटर रचना भारती ने बताया कि यहां ब्रजपुर संग्रामपुर के सन्नी यादव और अर्चना कुमारी का साढ़े तीन साल का अति कुपोषित बच्चा आज से पांच दिन पहले भर्ती किया गया है। यह बच्चा लाथार्जी से पीड़ित है । इसको हमेशा बुखार रहता और यह अपना नियमित कार्य भी नहीं कर पाता है। यहां भर्ती कराने के वक्त इस बच्चे का वजन 2.840 किलो था। भर्ती होने के बाद इस बच्चे के वजन में सुधार हुआ है । उन्होंने बताया कि हवेली खड़गपुर के मेघना गांव के बादल कुमार और मनीषा कुमारी का पहला बच्चा 11 महीने का अनुराग कुमार यहां भर्ती कराया गया है। इस बच्चे को हमेशा सर्दी,खांसी और बुखार रहता है। बच्चे की मां मनीषा कुमारी ने बताया कि दो महीने पहले भागलपुर के एक निजी डॉक्टर के यहां दिखाए तो उन्होंने जांच के बाद बताया कि बच्चे को टीबी है। यहां भर्ती करने के वक्त बच्चे का वजन 6.140 था। यहां रहने के दौरान ही जिला यक्ष्मा केंद्र मुंगेर के द्वारा इस बच्चे का इलाज कराया जाएगा।
विशेष तकनीक से बच्चे को दिया जा रहा हैं आहार :
रचना भारती ने बताया कि दशरथपुर, धरहरा के रहने वाले विपिन कुमार और मौसम कुमारी की डेढ़ महीने की बेटी मुस्कान को यहां भर्ती कराया गया है। यह एक अति कुपोषित बच्ची है जिसे सप्लीमेंटरी सकिंग तकनीक से खाना में एफ 100 डेल्यूटेड दिया जा रहा है। इस बच्ची का आज यहां 13वां दिन है। यह बच्चा लाथार्जी और कफ से ग्रसित है। इस तकनीक के माध्यम से आहार देने पर बच्ची अपनी मां का दूध भी ले रही और मां को भी पहले की तुलना में दूध बनने लगा है। वहीं पंचरुखी धरहरा के कुंदन मंडल और रानी देवी के 2 साल 4 महीने के अति कुपोषित जुड़वां बच्चे तान्या और अमन को यहां भर्ती कराया गया है। दोनों बच्चा का आज यहां 11 दिन हो गया है। दोनों बच्चा भी सर्दी, खांसी और बुखार से ग्रसित था। यहां भर्ती कराने के वक्त तान्या का वजन 6.800 किलो था जो आज बढ़कर 7.25 किलो हो गया है। इसी तरह अमन का वजन भर्ती कराने के वक्त 6.600 किलो था जो आज बढ़कर 7.18 किलो हो गया है। यह दोनों बच्चा पहले से बहुत बेहतर है।
सेरेब्रल पाल्सी और माइल्ड स्टोन डेवलपमेंट से ग्रसित बच्चे का एन आरसी में चल रहा है इलाज :
एनआरसी मुंगेर में कार्यरत सतीश कुमार ने बताया कि घोरघट बरियारपुर के प्रभु पासवान और रूबी देवी का दो साल का बेटा गणेश सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित है। आज इस बच्चे का भी 11 दिन पूरा हो गया है। इस बच्चे का समुचित विकास नहीं हो पाया है। इसे बैठने और बोलने में तकलीफ होती है। इस बच्चे की लगातार फिजियोथेरेपी करायी जा रही है। इससे काफी सुधार देखने को मिल रहा है। इसके अलावा लश्करा टेटिया बंबर के ब्रज बिहारी यादव और पूजा कुमारी की 11 महीने की बेटी सपना कुमारी डीले माइल्ड स्टोन डेवलपमेंट नामक बीमारी से ग्रसित है। इन सभी बच्चों की सेहत में काफी सुधार देखने को मिल रहा है। हमलोंगों की यही कोशिश है कि यहां से डिस्चार्ज होने से पहले सभी बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाएं।
रिपोर्टर
Swapnil Mhaske
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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