-सदर प्रखंड के समुखिया के भूपेंद्र ने दी टीबी को मात
बांका-
स्वास्थ्य विभाग की सुविधाओं का लोग भरपूर लाभ उठा रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण हैं बांका सदर प्रखंड के समुखिया के रहने वाले भूपेंद्र कुमार मांझी। भूपेंद्र कुमार मांझी को एक साल पहले सूखी खांसी हो रही थी। कई दिनों तक जब ठीक नहीं हुए तो बांका सदर अस्पताल चले गए जांच कराने के लिए। उस समय कोरोना की दूसरी लहर चल रही थी, इसलिए अंदेशा था कि कोरोना की चपेट में तो नहीं आ गए। सूखी खांसी होना भी कोरोना के प्रमुख लक्षणों में से एक था, लेकिन जांच में कुछ नहीं निकला। सदर अस्पताल में घर जाकर आराम करने की सलाह दी गई। कुछ दिन आराम किए, लेकिन इसके बाद भी ठीक नहीं हुए तो दोबारा सदर अस्पताल गए। वहां पर जिला यक्ष्मा केंद्र में उनकी मुलाकात जिला ड्रग इंचार्ज राजदेव राय और डीपीएस गणेश झा से हुई। इन लोगों ने भूपेंद्र को कुछ घरेलू नुस्खे बताए, जिसके बाद खांसी के बाद बलगम निकलना शुरू हुआ। बलगम की जांच की गई तो टीबी होने की पुष्टि हुई। टीबी होने की पुष्टि के बाद तो भूपेंद्र डर गए, लेकिन गणेश झा और राजदेव राय ने उन्हें समझाया कि टीबी से डरिये मत। इसका इलाज बहुत ही आसान है। इसके बाद भूपेंद्र कुमार मांझी का इलाज शुरू हुआ। नौ महीने तक दवा चली और भूपेंद्र स्वस्थ हो गए। अब भूपेंद्र पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं। हालांकि इसके बावजूद जिला यक्ष्मा केंद्र ने उन्हें कुछ दिनों तक जांच कराने की सलाह दी है।
इलाज से लेकर दवा तक मुफ्त में मिलीः भूपेंद्र कुमार मांझी कहते हैं कि मैं तो कोरोना जांच कराने के लिए गया था, लेकिन टीबी निकल गया। टीबी के बारे में जो कुछ सुना था, मुझे डर लगने लगा। लेकिन राजदेव राय जी और गणेश झा जी ने मुझे समझाया कि टीबी को लेकर डरने की बात नहीं है। इसका इलाज बहुत ही आसान है। साथ ही सभी सरकारी अस्पतालों में इसके इलाज की मुफ्त सुविधा है। इसके बाद मेरा इलाज शुरू हुआ। नौ महीने दवा चली। अब जाकर मैं स्वस्थ हो गया हूं। इस दौरान जांच से लेकर दवा तक का कोई पैसा मुझसे नहीं लिया गया। साथ ही जब तक इलाज चला, मुझे 500 रुपये प्रतिमाह पोषण के लिए भी मिला। अब तो मैं दूसरे लोगों को भी समझाता हूं कि टीबी से डरने का नहीं है, बल्कि लड़ने का है।
लोगों में बढ़ रही जागरूकताः जिला ड्रग इंचार्ज राजदेव राय कहते हैं कि भूपेंद्र जैसे कई लोग आए हैं, जिन्हें शंका किसी और बीमारी की थी और निकला कोई और बीमारी। खुशी की बात यह है कि सभी लोग ठीक होकर जा रहे हैं। जिला यक्ष्मा केंद्र में टीबी का इलाज तो होता ही है, साथ में मरीजों की बेहतर काउंसिलिंग भी की जाती है। इसके सुखद परिणाम भी मिल रहे हैं। लोगों में टीबी को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। इससे बांका जिला को टीबी से मुक्त कराने में काफी मदद मिलेगी।
रिपोर्टर
Dr. Rajesh Kumar
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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