-टीबी संक्रमित मरीजों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से मिल रहा स्वास्थ्य सुविधा का लाभ
- स्थानीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी मेडिकल स्टोर के नाम से ग्रुप का किया गया क्रिएशन
लखीसराय-
टीबी मुक्त भारत निर्माण को लेकर केंद्र से लेकर जिला स्तर का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सजग और संकल्पित है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए हर जरूरी पहल की जा रही है। जिले के संक्रमित मरीज जो किसी निजी स्वास्थ्य संस्थान में इलाज करा रहे हैं , उन मरीजों को सरकारी सेवा संस्थान में निःशुल्क इलाज के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी कड़ी में स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने टीबी संक्रमित मरीजों को सुविधाजनक तरीके से बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर एक व्हाट्सएप ग्रुप की स्थापना की है। जिसके माध्यम से टीबी मरीजों को समुचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। इस ग्रुप का नाम टीबी मेडिकल स्टोर है। जिसमें जिले भर के सभी मेडिकल स्टोर के संचालकों को जोड़ा गया है । इन संचालकों के सहयोग से टीबी मरीजों की पहचान कर उन्हें ना सिर्फ सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है बल्कि, सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध समुचित स्वास्थ्य सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। ताकि मरीजों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके और संबंधित मरीज आसानी के साथ टीबी को मात दे सके।
- मरीजों की सुविधा के लिए मार्च 2022 में ग्रुप का किया गया था क्रिएशन :
टीबी के नोडल पदाधिकारी डाॅ श्रीनिवास शर्मा ने बताया, मरीजों को सुविधाजनक तरीके से बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सके, उक्त व्हाट्सएप ग्रूप का मुख्य यही मकसद है। इसी उद्देश्य से इसी वर्ष यानी 2022 के मार्च महीने में ग्रुप का क्रिएशन कर शुभारंभ किया गया था। जिसके माध्यम से मरीजों की पहचान कर समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं, उन्होंने बताया, निजी स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज कराने वाले मरीज दवाई के लिए भी निजी मेडिकल स्टोर ही जाते हैं। इसलिए, उक्त ग्रुप में जिले के सभी रजिस्टर्ड मेडिकल स्टोर के संचालकों को शामिल किया गया है। ताकि संचालक दवाई लेने के लिए मेडिकल पर आने वाले टीबी के मरीजों की व्हाट्स एप के माध्यम से आसानी के साथ सूचना उपलब्ध करा सकें । सूचना मिलते ही संबंधित मरीजों का फॉलोअप कर उन्हें जरूरी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
- व्हाट्स एप ग्रुप के माध्यम से 04 मरीजों की हो चुकी है पहचान, उपलब्ध कराई जा रही है स्वास्थ्य सुविधा :
डॉ शर्मा ने बताया कि व्हाट्स एप ग्रुप के माध्यम से अबतक 04 मरीजों की पहचान हो चुकी है, जिन्हें सरकारी स्तर से समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं, उन्होंने बताया, एक भी मरीज की सूचना मिलने में चूक नहीं हो, इसके लिए ग्रुप के माध्यम शामिल सदस्यों को लगातार अलर्ट किया जाता है। ताकि ग्रुप में शामिल किसी भी सदस्यों को मरीज की जानकारी मिले तो वह तुरंत ग्रुप के माध्यम से सूचना उपलब्ध करा सके और संबंधित मरीजों का ससमय इलाज सुनिश्चित हो सके।
बचाव के उपाय :
1- 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी होने पर डॉक्टर को दिखाएं। दवा का पूरा कोर्स लें। डॉक्टर से बिना पूछे दवा बंद न करें ।
- मास्क पहनें या हर बार खांसने या छींकने से पहले मुंह को पेपर नैपकिन से कवर करें।
- मरीज किसी एक प्लास्टिक बैग में थूकें और उसमें फिनाइल डालकर अच्छी तरह बंद कर डस्टबिन में डाल दें। यहां-वहां नहीं थूकें।
- मरीज हवादार और अच्छी रोशनी वाले कमरे में रहें । साथ ही एसी से परहेज करें ।
- पौष्टिक खाना खाएं , एक्सरसाइज व योग करें ।
- बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तंबाकू, शराब आदि से परहेज करें।
- भीड़-भाड़ वाली और गंदी जगहों पर जाने से बचें।
ये हैं टीबी के लक्षण :
- भूख न लगना, कम लगना तथा वजन अचानक कम हो जाना।
- बेचैनी एवं सुस्ती छाई रहना, सीने में दर्द का एहसास होना, थकावट रहना व रात में पसीना आना।
- हलका बुखार रहना, हरारत रहना।
- लगातार खांसी आते रहना एवं खांसी में बलगम आना तथा बलगम में खून आना। कभी-कभी जोर से अचानक खांसी में खून आ जाना।
- गर्दन की लिम्फ ग्रंथियों में सूजन आ जाना तथा वहीं फोड़ा होना।
- गहरी सांस लेने में सीने में दर्द होना, कमर की हड्डी पर सूजन, घुटने में दर्द, घुटने मोड़ने में परेशानी आदि।
- आंखें ऊपर को चढ़ना या बेहोशी आना ट्यूबरकुलस मेनिन्जाइटिस के लक्षण हैं।
- पेट की टीबी में पेट दर्द, अतिसार या दस्त, पेट फूलना आदि होते हैं।
- टीबी न्यूमोनिया के लक्षण में तेज बुखार, खांसी
रिपोर्टर
Ajay Kumar
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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