- डॉ नलिन वर्मा ने स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के छात्रों से अपने अनुभव साँझा किया
- भारतीय संचार माध्यम के इतिहास, समाज और संस्कार के बीच मीडिया के महत्व को विद्यार्थियों को समझाया
- शब्दों के चयन का ज्ञान आज के समय के जर्नलिस्ट को होना चाहिए
पटना-
बिहार के अनुभवी जर्नलिस्ट डॉ नलिन वर्मा ने स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के छात्रों से अपने अनुभव साँझा किया। उन्होंने पत्रकारिता से जुड़ी बातें भी छात्रों को बताया।
बिहार सरकार द्वारा नव निर्माण सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जो आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी का हिस्सा हैं यहाँ इन्होंने अपनी प्रसिद्ध किताब ग्रेटेस्ट फोक टेल्स ऑफ़ बिहार के कुछ शब्दों को छात्रों के बीच रखा । डॉ. वर्मा ने भारतीय संचार माध्यम के इतिहास और हमारे समाज और संस्कार के बीच मीडिया के महत्व को विद्यार्थियों को समझाया। उन्होंने यह भी बताया की आपकी अपारदर्शी और सोचने समझने की कोशिश आपके लिखने की प्रक्रिया पर कैसे प्रभाव डालती है। पत्रकारिता के विषय में उन्होंने बताया कि शब्दों के चयन का ज्ञान आज के समय के जर्नलिस्ट को होना चाहिए तथा लिखने के वक्त पढ़ने वाले के मनोविज्ञान को ध्यान में रखकर लिखना चाहिए। बातों ही बातों में उन्होंने अपने बचपन की कुछ कहानियों को छात्रों के सामने उजागर किया जहां उन्होंने बताया कि कैसे वह अपने लिखने- पढ़ने की आदत को अपना काम बनाया। स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के शिक्षक डॉ. अजय कुमार सिंह, डॉ अफाक हैदर और डॉ. अमित भी डॉ नलिन के अनुभव को सुनने के लिए छात्रों के बीच उपस्थित रहे। उनका परिचय छात्रों के बीच संस्थान के समन्वयक डॉ. मनीषा प्रकाश ने कराया।
रिपोर्टर
Swapnil Mhaske
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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