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हर महीने के 9 एवं 21 तारीख को गर्भवती महिलाओं की जाती है प्रसव -पूर्व जांच
इस अभियान के उद्देश्य होता है प्रसव में आने वाली जटिलताओं का प्रबंधन करना
लखीसराय-
जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के तहत सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गर्भवती महिलाओं की है प्रसव -पूर्व जांच की गयी . ये आयोजन हर महीने के के 9 एवं 21 तारीख को किया जाता है . इस अभियान में कुल 293 गर्भवती महिलाओं की प्रसव -पूर्व जाँच की गयी .
सिविल -सर्जन डॉ बीपी सिन्हा ने बताया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है .जिसका मुख्य उद्देश्य है गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को समय पर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करना, मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था को पहचानना और प्रबंधित करना, प्रसव पूर्व देखभाल के लिए जागरूकता बढ़ाना.
डॉ सिन्हा ने बताया की प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान अंतर्गत किसी भी गर्भवती महिला का 4 बार प्रसव -पूर्व जांच की जाती है .वही अगर कोई गर्भवती महिलाआ इस जांच में हाई -रिस्क पाई जाती है तो उसका 6 बार जांच किया जाता है .
लखीसराय सदर अस्पताल के डीपीसी सुनील कुमार बताते हैं की प्रसव -पूर्व जांच में गर्भवती महिलाओं का हिमोग्लोबिन ,बीपी , ब्लड ग्रुप ,वजन एफएचएस जाँच (जिसमे बच्चे के धड़कन ) का पता लगाना होता है .साथ ही उनके खान -पान के बारे में भी बताया जाता है .जाँच के बाद किसी महिला में अगर किस तरह की कोई कमी पाई जाती है तो उसके इलाज के साथ उचित प्रबंधन के बारे में भी बताया जाता है.
उन्होंने बताया की इस कार्यक्रम की शुरुआत इस आधार पर की गयी है, कि यदि देश भर में हर एक गर्भवती महिला का चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षण एवं प्रसव -पूर्व जाँच के दौरान उचित तरीके से जांच की जाए तथा इस अभियान का उचित पालन किये जाएँ, तो यह अभियान हमारे देश में होने वाली मातृ मृत्यु की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभा सकता हैं।
रिपोर्टर
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Aishwarya Sinha