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समुदाय की हांथी पाँव जैसी बीमारी से बचाव हेतु करेंगी जागरूक
फाइलेरिया जैसी बीमारी से बचने हेतु ससमय दवा खाना है जरुरी
लखीसराय -
फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी को समाप्त करने हेतु सरकार अपनी दृढ संकल्प होने के साथ समुदाय को भी इस बीमारी से बचाने के लिए जागरूक करने की तैयारी शुरू कर चुकी है . जिसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र की सीएचओ को प्रशिक्षण दिया जाना है .इस बाबत की जानकारी देते हुए सिविल -सर्जन डॉ बीपी सिन्हा ने बताया की ये प्रशिक्षण आगामी 11 मार्च को सदर अस्पताल के सभागार में दिया जाएगा .जिसका ये उदेश्य है की गाँव में समाज में जो लोग इस गंभीर बीमारी के प्रति अभी भी जागरूक नहीं हैं या जाने -अनजाने में इस बीमारी के लक्षण को अनदेखा कर देते हैं उन्हें जागरूक करना है .
डॉ सिन्हा ने बताया की सरकार का लक्ष्य है 2027 तक फाइलेरिया मुक्त करना है .उसके लिए ये अभियान निर्णायक साबित होगा .उन्होंने कहा यह रोग मादा क्यूलेस मच्छर के काटने से फैलता है. फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है. आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है . फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे; हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) से ग्रसित लोगों को अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है.
- फाइलेरिया क्या है ?
- फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
- किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
- फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाईड्रोशील (अण्डकोष में सूजन) है।
- किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Swapnil Mhaske