Breaking News
Trending
-हम अपनी भाषा-संस्कृति छोड़ेंगे तो समाप्त हो जाएगी हमारी पहचान : वैद्यनाथ लाभ
नई दिल्ली-
सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने कहा कि कर्ण कायस्थ समाज ने अपनी बौद्धिक क्षमता से देश को सशक्त किया है। हमें अपनी इस पहचान को अक्षुण्ण रखना है।
प्रो. लाभ ने उक्त बातें कर्ण कायस्थ महासभा द्वारा कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित द्विदिवसीय कर्णकुंभ-तृतीय के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में अनेक प्रकार की चुनौतियां हैं, लेकिन हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए। मातृभाषा मैथिली का प्रयोग करना चाहिए। हम अपनी भाषा-संस्कृति छोड़ेंगे तो हमारी पहचान समाप्त हो जाएगी।
नेपाल के सर्वोच्च अदालत के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस गिरीश चन्द्र लाल ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार रखते हुए कहा कि हमलोग मिथिला के निवासी हैं। कर्ण कायस्थ मुख्यत: भारत एवं नेपाल में रहते हैं। भारत के कर्ण कायस्थ नेपाल के कर्ण कायस्थों को न भूलें और समन्वय के साथ रहें। उन्होंने कहा कि चित्रगुप्त भगवान सभी के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं, इसलिए हमें उनको न्यायव्यवस्था के प्रमुख के रूप में प्रतिष्ठित करना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में कर्ण कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीएमएल दास ने कहा कि कर्ण कायस्थ महासभा राष्ट्रीय सामाजिक संस्था है जो निर्धन मेधावी विद्यार्थी को छात्रवृत्ति, जरूरतमंद व्यक्ति को आर्थिक सहयोग, दहेज मुक्त विवाह को प्रोत्साहन, प्राकृतिक आपदा में सहायता, त्रैमासिक कर्णप्रिय पत्रिका के प्रकाशन सहित आदि माध्यमों से कर्ण कायस्थ समाज को प्रगतिशील बना रही है।
प्रारंभ में कर्ण कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव सिन्हा ने स्वागत वक्तव्य देते हुए कहा कि कर्णकुंभ कर्ण कायस्थों के सामाजिक मिलन का मंच है। कर्णकुंभ को कर्ण कायस्थ महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश दास, राष्ट्रीय सचिव इरा मल्लिक एवं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष आनंद दास ने भी संबोधित किया। इस सत्र का संचालन राष्ट्रीय महासचिव आशीष नीरज एवं धन्यवाद ज्ञापन दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुजीत कुमार ने किया।
उद्घाटन सत्र में सुपरिचित लेखिका चंदना दत्त की दो पुस्तकों वनसुपती एवं रवि रश्मि, डॉ. बीके मल्लिक की पुस्तक हिंदू देवी- देवताओं के रहस्य में सत्य तथा विजय कुमार की पुस्तक आत्मोद्गार का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर 24 महिला चित्रकारों द्वारा कोहबर पर मिथिला चित्रकला मे चित्रित 26 कलाकृतियों की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन संपन्न हुआ।
कर्णकुंभ में अनेक विषयों पर परिचर्चाओं का भी आयोजन किया गया। पहले सत्र का विषय था- कर्ण कायस्थ में विवाह से संबंधित समस्या एवं समाधान। इस सत्र की अध्यक्षता सीएमएल दास ने की एवं संचालन रमेश दत्त ने किया। इसके वक्ता थे-धीरेन्द्र कुमार दास, मीना कर्ण, शंभू शंकर एवं निर्मला कर्ण।
दूसरे सत्र में कवि एवं बिहनि कथा गोष्ठी आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि सुरेन्द्र शैल ने की एवं संचालन सुजीत कुमार ने किया। इस सत्र में विजय कृष्ण दत्त, तनुजा दत्त, मलय कुमार मणि, विमलेन्दु सागर, इरा मल्लिक एवं सोनी कर्ण ने काव्य पाठ किया तथा मनोज कर्ण एवं कुन्दन कर्ण ने बिहनि कथा पाठ किया।
तीसरे सत्र का विषय था- कायस्थों की विभिन्न उपजातियों में समन्वय। इस सत्र की अध्यक्षता आरके सिन्हा ने की एवं संचालन संजय लाभ ने किया। इसके वक्ता थे- उदय सहाय, राजेश दास एवं एमएस प्रभाकरन।
सांस्कृतिक सत्र में झिझिया नृत्य की प्रस्तुति हुई। इसके बाद बॉलीवुड गायक श्लोका एवं प्रिया मल्लिक ने अपनी सुमधुर आवाज में मैथिली एवं हिंदी गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Aishwarya Sinha