-गृह मंत्रालय ने एक ज़ीरो टेरर प्लान और कम्प्लीट एरिया डॉमिनेशन प्लान बनाया है, पहले सिर्फ आतंकवादियों को मारा जाता था, लेकिन अब हमने इसके पूरे इकोसिस्टम को खत्म कर दिया है
नईदिल्ली-
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने मंगलवार को शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 को विचार और पारित करने के लिए लोकसभा में पेश किया।
श्री अमित शाह ने बुधवार को बिल के पक्ष में जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि, ‘बैकवर्ड क्लास का सबसे बड़ा विरोध और बैकवर्ड क्लास को रोकने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया है। 70 साल से पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता नहीं दी गई थी, नरेन्द्र मोदी जी ने इसको संवैधानिक मान्यता देने का काम किया। काका साहेब कालेलकर कमीशन का रिपोर्ट रोक कर रखने का काम कांग्रेस ने किया। कांग्रेस ने कभी भी मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू नहीं होने दिया। मंडल कमीशन लागू होने के दौरान सत्ता से बाहर रहते हुए विपक्ष के नेता होने के नाते स्वर्गीय राजीव गांधी ने इसका विरोध किया था। कभी भी सेंट्रल स्कीम के अंदर कांग्रेस ने बैकवर्ड क्लास को रिजर्वेशन देने का काम नहीं किया। बैकवर्ड क्लास को रिजर्वेशन देने का काम केवल नरेन्द्र मोदी की सरकार ने किया है। सैनिक स्कूलों, नीट और केंद्रीय स्कूलों में भी आज पिछड़ा वर्ग के बच्चों को आरक्षण दिया जा रहा है। पहली बार नरेन्द्र मोदी जी ने आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों यानि बिना आरक्षित वाले जातियों के बच्चे को EWS देकर 10% आरक्षण देने का काम किया है।’
इस बिल के माध्यम से मोदी-शाह की जोड़ी ने देश में हुए सैकड़ों परिवर्तनों की कड़ी में एक मोती जोड़ने का काम किया है। इस बिल का विरोध करने वाले जो कह रहे हैं कि यह बिल कोर्ट के सामने चैलेंज में है तो उन्हें पता होना चाहिए कि धारा 370 भी कोर्ट के सामने चैलेंज में थी।
शाह के कुशल मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने एक ज़ीरो टेरर प्लान और कम्प्लीट एरिया डॉमिनेशन प्लान बनाया है, पहले सिर्फ आतंकवादियों को मारा जाता था, लेकिन अब इसके पूरे इकोसिस्टम को खत्म करने पर काम किया जा रहा है।
साल 1994 से लेकर 2004 तक आतंकवाद की कुल घटनाएँ 40,164 हुई। साल 2004 से 2014 तक मनमोहन जी की सरकार में कुल आतंकवाद की घटनाएँ 7,217 हुई। साल 2014 से 2023 तक नरेन्द्र मोदी की सरकार में कुल आतंकवादी घटनाएँ सिर्फ 2,000 हुई। नागरिकों के मृत्यु के अंदर 72% की कमी आई है और सुरक्षा बलों की मृत्यु के अंदर 59% की कमी आई है। पथराव की घटनाएँ शून्य हो चुकी है। ऑर्गेनाइज़ हड़ताल अब नहीं होता। धारा 370 हटने से खून की नदियाँ बह जाएंगी कहने वालों को जान लेना चाहिए की आज किसी की कंकड़ चलाने तक की हिम्मत नहीं है। पहले सिर्फ आतंकवादियों को मारते थे, लेकिन अब शाह की नीटइयों के तहत उनके पूरे इकोसिस्टम को खत्म किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में थियेटर नहीं चलते थे, लेकिन आज मोदी सरकार में 30 साल के बाद धारा 370 हटने के बाद थियेटर चालू हो पाया है। अब लाल चौक में सारे धर्म के लोग खुशी से त्योहार मनाते हैं।
शाह ने स्पष्ट किया कि, नेहरू के समय में जो ब्लंडर हुआ था, उसके कारण कश्मीर को सालों तक भुगतना पड़ा था। नेहरू के कार्यकाल में दो बड़ी गलतियाँ हुईं । पहला, जब हमारी सेना जीत रही थी तब पंजाब का क्षेत्र आते ही सीज फायर कर दिया गया, जिसके कारण पाक अधिकृत कश्मीर का जन्म हुआ। अगर सीज फायर 3 दिन देरी से होता तो आज पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा होता। दूसरा, यूएन के अंदर हमारे मसले को ले जाने की गलती की। नेहरू ने मिस्टेक नहीं ब्लंडर की है।
रिपोर्टर
Harshada Shah
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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