- मलेरिया कार्यालय में प्रशिक्षण का हुआ आयोजन, दी गई जरूरी और आवश्यक जानकारी
- छिड़काव अभियान के दौरान कालाजार से बचाव के लिए लोगों को जागरूक भी करेंगे कर्मी
शेखपुरा, 15 मार्च-
कालाजार उन्मूलन अभियान को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए बुधवार को मलेरिया कार्यालय में छिड़काव अभियान की सफलता को लेकर कर्मियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें जिले के सभी प्रखंडों के कर्मी शामिल हुए। प्रशिक्षण के दौरान मौजूद कर्मियों को छिड़काव कैसे करना है, छिड़काव के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखना है समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी दी गई। इस दौरान मौजूद कर्मियों को यह भी बताया गया कि कालाजार उन्मूलन को प्रत्येक छः माह पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा एसपी पाउडर का छिड़काव कराया जाता है। ताकि जिले में कालाजार का प्रभाव खत्म हो सके और लोग सुरक्षित रह सकें । उक्त प्रशिक्षण जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डाॅ अशोक कुमार सिंह एवं वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार द्वारा दिया गया । प्रशिक्षण के दौरान कर्मियों को कालाजार के लक्षण, कारण, बचाव एवं उपचार की भी विस्तृत जानकारी दी गई । इस प्रशिक्षण में भीबीडीएस मनोज कुमार, केबीसी अभिषेक कुमार, विनोद कुमार आदि मौजूद थे।
- जिले में मरीजों की संख्या में लगातार आ रही गिरावट :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया, सभी के सहयोग से जिले में कालाजार मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है और हमारा जिला पूर्ण रूप कालाजार मुक्त होने के निकट पहुँच चुका है। इसलिए, संपूर्ण जिला को कालाजार मुक्त बनाने में सभी लोगों का सकारात्मक सहयोग जरूरी है। वहीं, उन्होंने बताया, वर्ष 2019 में जिले में जहाँ मरीजों की संख्या 05 थी। वर्ष 2020 में 01 हो गई। वर्ष 2021 में भी 05 एक्टिव केस थे। वर्ष 2022 में 02 एक्टिव केस मिले थे। वहीं, उन्होंने बताया, 10 हजार की आबादी पर एक मरीज मिलने पर, वह क्षेत्र कालाजार मुक्त माना जाता है। इसलिए, हमारा जिला कालाजार के प्रभाव से नियंत्रण में है। वहीं, उन्होंने बताया, जिले में 56 दिनों तक छिड़काव अभियान चलेगा। जिसमें शेखपुरा प्रखंड में 39 दिन और बरबीघा प्रखंड में 17 दिनों तक छिड़काव होगा।
- कालाजार से बचाव के लिए सतर्कता और सावधानी जरूरी :
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार ने बताया, अभी भी कालाजार के प्रति लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। क्योंकि, इस बीमारी से बचाव के लिए हमेशा सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल, हमारे यहाँ की बड़ी संख्या में लोग बाहर रहकर मजदूरी कर जीवन-यापन करते और छः माह-साल भर में घर आते हैं। इस कारण भी कालाजार का प्रभाव बढ़ सकता है। इसलिए, सभी लोगों को हमेशा बीमारी से बचाव के लिए सजग रहना चाहिए और जिस व्यक्ति में लक्षण दिखे, उन्हें तुरंत जाँच कराने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
- कालाजार के लक्षण :
- लगातार रूक-रूक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
- वजन में लगातार कमी होना।
- दुर्बलता।
- मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
- व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
- प्लीहा में नुकसान होता है।
- छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
- छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
- घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं। छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
- छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री , बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
- ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
- अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।
रिपोर्टर
Aishwarya Sinha
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Aishwarya Sinha