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फाइलेरिया के 1600 मरीजों की हुई पहचान, बांटी  जाएगी  मेडिकल किट

 
-किट में मौजूद साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम व अन्य सामान के इस्तेमाल से मिलेगी राहत
-जिले में फाइलेरिया को लेकर अभियान किया गया तेज, जल्द ही दवा भी खिलाई जाएगी 
 
बांका-
 
फाइलेरिया के खिलाफ जिले में अभियान तेज कर दिया गया है। यह एक ऐसी बीमारी है जिससे लोग पूरी तरह से ठीक तो नहीं हो सकते, लेकिन उन्हें राहत पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। इसी सिलसिले में अभी जिले में फाइलेरिया के मरीजों के लिए एक मेडिकल किट बांटी  जाएगी । किट में एक छोटा टब, मग, साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, पट्टी इत्यादि सामान हैं। इसके सहयोग से फाइलेरिया मरीज होने वाले जख्म को ठीक कर सकते हैं, जिससे उन्हें थोड़ी राहत मिलेगी। दरअसल, यह एक ऐसी बीमारी है जो न सिर्फ आर्थिक और शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक तौर पर भी परेशान करती है। ऐसे में लोगों को खुद को और अपने परिजनों को मच्छरों से बचाना होगा।
एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी कहते हैं कि जिले में फाइलेरिया  के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा है। गुरुवार को भी नीति आयोग के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिले में फाइलेरिया को लेकर चलाए जा रहे अभियान पर चर्चा हुई। पिछले दिनों जिले में 1600 मरीजों की पहचान हुई है। इनमें से जिन्हें हाइड्रोसिल में सूजन है, उनके लिए कैंप लगाया जाएगा। कैंप में उनका ऑपरेशन किया जाएगा। साथ ही अन्य बचे हुए लोगों को जल्द ही मेडिकल किट बांटी  जाएगी , ताकि उन्हें राहत मिल सके। इसके अलावा साल में फाइलेरिया को लेकर एक बार अभियान भी चलाया जाता है, जिसमें अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाती है। वह भी जल्द ही शुरू होने वाला है।  उन्होंने कहा कि फाइलेरिया से बचाव के लिए लोगों को कूड़ा कचरेदानी में डालना चाहिए और नित्य मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए।
अमरपुर और कटोरिया से होगी कैंप की शुरुआतः वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया कि अभियान के दौरान जो फाइलेरिया के 1600 मरीज चिह्नित किए गए हैं, उनमें से 200 मरीज ऐसे हैं जिनके हाइड्रोसिल में सूजन है। ऐसे मरीजों के ऑपरेशन के लिए जल्द ही कैंप लगाया जाएगा। कैंप की शुरुआत अमरपुर और कटोरिया से की जाएगी। इसे लेकर तैयारी चल रही है। तारीख तय होते ही इसकी जानकारी घर-घर जाकर लोगों को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया के मरीजों की चमड़ी थोड़ी मोटी हो जाती है। जिस जगह पर फाइलेरिया होता है, वहां पर जख्म का खतरा भी रहता है। जख्म होने के बाद मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं हो, इसके लिए बांटी  गयी  किट में मौजूद दवा और सफाई से फाइलेरिया रोगियों को राहत मिलेगी।
क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरियाः जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीभीबीडीसीओ) डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव कहते हैं कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। क्यूलेक्स मच्छर घरों के दूषित स्थलों, छतों और आसपास लगे हुए पानी में पाया जाता है। इससे बचाव के लिए लोग घरों के आसपास गंदगी और पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार आना, शरीर में लाल धब्बे या दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना इसके लक्षण हैं। ज्यादातर इस बीमारी से ग्रसित लोगों के पांव या हाइड्रोसिल में सूजन हो जाती है। लोग इस बीमारी  से सुरक्षित रह सकें, इसके लिए सरकार द्वारा साल में एक बार एमडीए अभियान चलाया जाता  है। इससे लोगों को जरूरी दवा उपलब्ध होती है, जो इस बीमारी को रोकने में सहायक होती।

रिपोर्टर

  • Swapnil Mhaske
    Swapnil Mhaske

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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